प्रेम जीवन का विशुद्ध रस । प्रेम माधुरी जी का सान्निध्य जंहा अमृत के प्याले पिलाए जाते है ।प्रेम माधुर्य वेबसाइट से हमारा प्रयास है कि इस से एक संवेदना जागृत हो ।

Wednesday, January 25

मुझे अपने चरणों की नुपुर बना





 मुझे अपने चरणों की नुपुर बना लो मोहन नुपुर बना के अपने चरणों से लगा लो मोहन मुझे अपने चरणों की नुपुर बना लो मोहन नुपुर जब शम शम बजेगी तेरे आने का संकेत भक्तो को दिला देगी जब स्पर्श तेरे चरणों का , मैं पाऊँगी मैं धन्य हो जाउंगी मोहन मोहे पुष्प बना लो अपने चरणों मैं मिला लो तेरे चरणों की धूल जो पुष्प भी पाये वो भी धन्य हो जाए मुझे अपने चरणों की धूलि बना लो अपने चरणों मैं समा लो मुझे अपने चरणों की नुपुर बना लो नुपुर बना के अपने चरणों से लगा लो
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